सिमुलतला आवासीय विद्यालय
परिचय:-
बिहार के विभाजन के पश्चात बिहार के गौरव नेतरहाट विद्यालय व इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय झारखंड के हिस्से में चले गए। बिहार में एक ऐसे विद्यालय की कमी महसूस होने लगी जहां चयनित मेधावी छात्र छत्रा अध्ययन कर सकें।
12 अगस्त 2009 को बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और नेतरहाट विद्यालय के कुछ उत्साही पूर्ववर्ती छात्र नेतरहाट सदृश्य विद्यालय की स्थापना में क्रियाशील हो गए ।29 अगस्त 2009 को एक बैठक हुई जिसकी अगुवाई मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने की । इस बैठक में यह तय किया गया कि पूरे बिहार में एक ही विद्यालय, सिमुलतला में खोला जाए जहां पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी हो क्योंकि वर्तमान परिदृश्य में अंग्रेजी का ज्ञान बच्चों के भविष्य हेतु अधिक उपयोगी हो सकता है । विद्यालय में सह- शिक्षा की व्यवस्था हो ताकि अखिल बिहार स्तर पर चुने गए मेधावी बालक -बालिकाओं को संपूर्ण भारत से चयनित विद्वान अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन मिल सके।
राज्य सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव के कुशल नेतृत्व में विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी ने त्वरित गति से इस दिशा में कार्य शुरू कर किया और 1 वर्ष से भी कम समय में 120 बच्चों के पहले दल के साथ 9 अगस्त 2010 को सिमुलतला आवासीय विद्यालय का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा कर दिया गया
विद्यालय की विशेषता
किसी भी देश के लिए बच्चे उस देश का भविष्य होते हैं। यही बच्चे जब बड़े होकर योग्य नागरिक बनेंगे तो देश का मान संपूर्ण विश्व में बढ़ाएंगे। अतः यह जरूरी है कि बच्चों में उत्तम मानवोचित गुण यथा दया ,धर्म ,क्षमा, करुणा, सहानुभूति ,प्रेम, सहनशीलता, परोपकार ,धैर्य, सहयोग, सेवा भावना और सह -अस्तित्व की भावना का विकास बचपन में ही किया जाए। और शिक्षकों का यह दायित्व है कि वह विद्यालय परिसर में बच्चों को उचित मार्गदर्शन और माहौल देकर इन गुणों को बच्चों के अंदर पुष्पित व पल्लवित करें ।यह सभी उदाहरण सिमुलतला आवासीय विद्यालय में देखने को मिलता है ।यहां शिक्षक छात्रों के भीतर इन गुणों को कूट-कूट कर भर देते हैं ।यहां छात्र शिक्षक अनुपात 20: 1है। यहां छात्रों के सृजनात्मक विकास पर बल दिया जाता है। सीखने हेतु बच्चों को रटने की आवश्यकता नहीं है। प्रकृति के साहचर्य में वह अपनी मौलिकता विकसित करते हुए स्वयं सीखते हैं। ऐसा प्रयास किया जाता है कि बालक- बालिकाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हो ताकि वे अच्छे इंसान बनने के साथ-साथ कुशल प्रशासक अभियंता ,चिकित्सक ,खिलाड़ी उद्योगपति ,शिक्षक, कलाकार, कवि ,लेखक आदि बनकर जाति ,धर्म ,वर्ण की दीवारों को तोड़ते हुए मानव मूल्यों की स्थापना कर सकें।
यहां शिक्षकों को "श्रीमान जी" और शिक्षिकाओं को "गुरु माता "कहा जाता है छात्रावास को "आश्रम "तथा हॉस्टल सुपरीटेंडेंट को "आश्रम अध्यक्ष" कहा जाता है। छात्र व शिक्षक सभी सामूहिक रूप से भोजन करते हैं और स्वाध्याय करते हैं। भोजन परोसने ,आश्रम में झाड़ू देने, व अपना झूठा बर्तन धोने का काम बच्चे स्वयं करते हैं। उनकी पोशाक भी एक जैसी होती है चाहे वह किसी भी आर्थिक सामाजिक वर्ग के हों।
विद्यालय व्यवस्था
एकेडमिक एवं पाठ्येतर गतिविधियां
सिमुलतला आवासीय विद्यालय में छठी से 12वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था है ।प्रतिवर्ष संपूर्ण बिहार से प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा 60 छात्रों एवं 60 छात्राओं का चयन छठी कक्षा के लिए होता है ।
विद्यालय की व्यवस्था का विवरण निम्न है-
1.अकादमिक वर्ष:-
विद्यालय का अकादमिक वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च 1(वर्ष)तक होता है।
2. शिक्षक छात्र अनुपात:-
कक्षा में छात्र शिक्षक अनुपात 1:20 रखा गया है।
3. उत्तम पुस्तकालय:-
दैनिक समाचार पत्र साप्ताहिक मासिक पत्रिकाओं के अतिरिक्त पुस्तकालय में कहानी कविता लेख दर्शन अनुसंधान चित्रकला संगीत कंप्यूटर आदि विभिन्न विषयों के अंग्रेजी व हिंदी भाषा की ज्ञान पुस्तकें उपलब्ध हैं जो बच्चों को सीमित समय के लिए निर्गत किए जाते हैं।
4. विषय:-
कला एवं विज्ञान के विषयों के अतिरिक्त अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, कृषि ,धातु कार्य, काष्ठकार्य, संगीत, चित्र कला, शिल्प आदि का भी विद्यालय में शिक्षण दिया जाता है।
5. शिक्षा का माध्यम:-
आधुनिक समय की मांग के अनुसार विद्यालय में पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी है किंतु बच्चों को हिंदी व संस्कृत की भी पूर्ण शिक्षा दी जाती है।
6. कंप्यूटर केंद्र:-
बच्चों को कंप्यूटर के साथ इंटरनेट की भी सुविधा दी जाती है ताकि बच्चे विश्वव्यापी ज्ञान से परिचित हो सकें।
7.योग व्यायाम एवं खेल:-
सुबह की प्रार्थना के साथ योग एवं खेल भी प्रावधान है। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए फुटबॉल, हॉकी , बास्केटबॉल, क्रिकेट , एथलेटिक्स, जूडो- कराटे इत्यादि भी करवाए जाते हैं।
टेबल टेनिस, कैरम ,शतरंज, लूडो, बैडमिंटन आदि की भी सुविधा उपलब्ध है।
8.छात्रावास:-
यह एक पूर्णता आवासीय विद्यालय है ।छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग आश्रम तथा अलग खेल के मैदान की व्यवस्था है । आश्रम जीवन में छात्रों के अंदर भाईचारा, परस्पर सहयोग ,एकता ,अनुशासन , टीम स्पर्धा जैसे गुणों का विकास किया जाता है ।विद्यालय के 840 बच्चों के लिए 42 आश्रम है जिनमें 21 आश्रम छात्रों के हैं । 21 आश्रम को 7सेटों में बांटा गया है। हर सेट में तीन आश्रम हैं। हर आश्रम में 20 बच्चे निवास करते हैं अर्थात एक सेट में 60 बच्चे होंगे जिनका एक कॉमन किचन होगा।
9.भोजन व्यवस्था:-
वर्तमान समय में यहां भोजन की उत्तम व्यवस्था सिमुलतला आवासीय विद्यालय महिला सामाख्या समूह द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है भोजन समय सारणी को डाइटिशियन के द्वारा बनाया गया है ताकि बच्चों को पूर्ण पोषण मिल सके।
शैक्षणिक विशिष्टताएं एवं शुल्क
सतत मुल्यांकन:-
नई शिक्षा नीति के अनुुसार विद्यालय मेंं सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की व्यवस्था लागू है। रिपोर्ट कार्ड में हर महीने हर विषय में बच्चों केेेेेे प्रयास को सफलता का अस्तर शिक्षकों द्वारा अंकित किया जाता हैै। हर महीनेे formative assessment के रूप में मासिक परीक्षा ली जाती है सत्र के अंत में summative assessment के रूप में विभिन्न विषयों की पारंपरिक परीक्षा का आयोजन किया जाता है।शिक्षक हर छात्र की प्रगति कार्ड पर formative assessment & summative assessments के अंको का सीबीएसई के दिशा निर्देशों के अनुरूप अंकित किया जाता हैैैै ।
शिक्षण सत्र एवं अवकाश
विद्यालय में 1 वर्ष में 225 दिन शिक्षण दिवस (रविवार, होली ,दीपावली शामिल करते हुए )के होते हैं और 110 दिन अवकाश के होते हैं ।विद्यालय के एक शिक्षण सत्र में 2 सेमेस्टर तथा एक वार्षिक परीक्षा होती है और वर्ष में तीन बार अवकाश घोषित किया जाता है । ग्रीष्मावकाश (40 दिन) मध्य सत्रांत (40 दिन) शीतकालीन अवकाश (30 दिन)
सत्रांत परीक्षा एवं वार्षिक परीक्षा
प्रत्येक सेमेस्टर के परीक्षाफल में दो formative assessment, 10 -10 अंकों के तथा एक summative assessment ,30 अंक के होते हैं. प्रत्येक सत्र के अंत में एक परीक्षा होती है । सत्रांत की परीक्षा का30%, मासिक परीक्षा का 10% तथा शिक्षक अवलोकन के मुल्यांकन के 10%भार एक साथ जोड़ा जाता है। वार्षिक परीक्षा में चार formative assessmentएवं दो submative assessmentका 50%अनुपात वार्षिक परीक्षा के 50% अनुपात के साथ जोडकर अंतिम CGPA बनाया जाता है।
सह -पाठयक्रम गतिविधियां
कक्षागत शिक्षण से बच्चों का संपूर्ण विकास संभव नहीं है ।अतः बच्चों के बहुआयामी विकास के लिए वाद- विवाद ,नाटक ,निबंध, लेखन, संप्रेषण , क्विज जैसे सह- पाठयक्रम गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है। छात्रों के सृजनात्मक विकास के लिए संगीत ,फोटोग्राफी, पेंटिंग ,मूर्ति कला, शिल्प कला ,बागवानी, कृषि, माउंटेनियरिंग ,इलेक्ट्रॉनिक्स आदि का भी शिक्षण दिया जाता है।
शिक्षण शुल्क
सिमुलतला आवासीय विद्यालय में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अभिभावकों के बच्चे पूर्णतया निशुल्क शिक्षा प्राप्त करते हैं। अधिक आय वाले अभिभावकों से न्यूनतम शुल्क लिया जाता है।
शुल्क सारणी:-
1-15,0000-30,0000तक आय -10,000(छात्र)
- 00000(छात्रा)
2-300000-500000तक आय-25000(छात्र)
-10000(छात्रा)
3-500000-750000तक आय-40000(छात्र)
-25000(छात्रा)
4-750000-1000000तक आय-60000(छात्र)
-40000(छात्रा)
5-1000000-1500000तक आय-100000(छात्र)
-60000(छात्रा)
6-1500000 से अधिक आय-180000(छात्र)
-100000(छात्रा)
सिमुलतला आवासीय विद्यालय में प्रवेश हेतु चयन प्रक्रिया
सिमुलतला आवासीय विद्यालय में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई की व्यवस्थाा है। प्रतिवर्ष प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा 60 छात्रों एवं 60 छात्राओं का चयन कक्षा 6के लिए किया जाता है।
आवेदन पर छात्र छात्राओं के हस्ताक्षर होते हैं ।आवेदन पत्र पर छात्र छात्रा की अध्ययनरत विद्यालय के प्रधानाचार्य का हस्ताक्षर होता है जिसे संबंधित डीईओ, डीईओ अभिप्रमाणित करते हैं। पूर्णतया भरे हुए आवेदन के साथ बैंक चालान की छाया प्रति संलग्न करते हुए सिर्फ निबंधित डाक से आवेदन भेजना होता है ।किसी दूसरे माध्यम से भेजा हुआ आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता है ।
परीक्षा का माध्यम
परीक्षा का माध्यम हिंदी होता है परंतु शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है ।
उम्र सीमा एवं अन्य शर्त-
1.प्रवेश परीक्षा में 10 से 12 वर्ष के बीच की आयु के बच्चे ही बैठ सकते हैं।
2. प्रवेश परीक्षा में वे विद्यार्थी ही बैठ सकेंगे जो बिहार के किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं ।फॉर्म भरते समय उन्हें संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक से अपनी जन्मतिथि तथा नामांकन संख्या को अभिप्रमाणित कराना होगा जिसे संबंधित बी ई ओ या डीईओ अभिप्रमाणित करेंगे।
परीक्षा का स्वरूप
प्रवेश परीक्षा 2 चरणों में संपन्न होगी.
प्रथम चरण की परीक्षा में 150 अंकों के 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में निम्न विषयों के प्रश्न पूछे जाएंगे- गणित, हिंदी ,सामान्य ,विज्ञान ,सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी। इस चरण में मेघा के आधार पर 1800 आवेदक (900 छात्र एवं 900 छात्राएं) कोटिवार चुनेे जाएंगे जो दूसरे चरण की परीक्षा में भााग लेंगे। प्रश्न पत्रों का लेवल कक्षा 5 के स्तर का होगा। परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंंगे। द्वितीय चरण में पूछे जाने वाले प्रश्न निबंधात्मक होंगे। मेघा सूची इसी द्वितीय चरण के लिए होने वाली 300 अंकों की परीक्षा के आधार पर बनाई जाएगी। चयनित छात्रों का मेडिकल जांच होगा तथा आरक्षण के नियमों के अनुरूप चयन किया जाएगा। सिमुलतला आवासीय आवासीय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित प्रतिभागियों के नामों की घोषणा मार्च-अप्रैल माह में कर दी जाती है।जिसे बिहार के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के अतिरिक्त विद्यालय की वेबसाइट पर भी डाल दिया जाता है।
अंतिम रूप से चयनित प्रतिभागियों को सिमुलतला में विद्यालय प्रमाण पत्र ,माता पिता के संयुक्त वार्षिक आय का प्रमाण पत्र ,तथा पांचवी कक्षा में उत्तीर्ण होने का विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र के साथ निर्धारित समय पर उपस्थित होना पड़ता है। सभी प्रमाण पत्रों की जांच के उपरांत उनका नामांकन सिमुलतला आवासीय विद्यालय में लिया जाता है ।अगले दो-तीन दिनों के अंदर वे अपनी किताबें ,पोशाक ,कॉपियां, जूते आदि विद्यालय से निर्गत करा सकते हैं। अप्रैल से नए प्रवेश पाए बच्चे पूरे जोशो - खरोश के साथ अपनी कक्षा में पठन-पाठन का कार्य शुरू कर सकते हैं।
अनुप्रिया
M.Sc(chem),B.Ed
*सभी चित्र गूगल से साभार।
إرسال تعليق